वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा ग्राम दर्जी कराड़िया में किसान संगोष्ठी का आयोजन
इंदौर। वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर के कृषि संस्थान और आत्मा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को ग्राम दर्जी कराड़िया में एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, मृदा विज्ञान, जैविक खेती और पशु चिकित्सा के बारे में जागरूक करना था।
संगोष्ठी में परियोजना के वरिष्ठ किसान सलाहकारों ने विभिन्न विषयों पर किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इसमें मृदा विज्ञान, उद्यानिकी, जैविक खेती, और पशु चिकित्सा से संबंधित चर्चाएं की गईं। तीन घंटे तक चली इस संगोष्ठी में दर्जनों किसानों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ. स्वाति पारछे, डॉ. नितिन पचलानिया, और डॉ. हेमंत वेलंकर जैसे विशेषज्ञ उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिवम यादव और कुलदीप सिंह चौधरी ने किया।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. नितिन पचलानिया ने मृदा विज्ञान पर जानकारी देते हुए किसानों को मृदा से उत्पन्न होने वाले रोगों की रोकथाम के उपाय बताए। पशु चिकित्सक डॉ. हेमंत वेलंकर ने पशुओं में होने वाले रोगों के उपचार के साथ-साथ नई-नई तकनीकों की जानकारी साझा की। उन्होंने किसानों को फसलों में लगने वाले नए रोगों से बचाव के उपायों के बारे में भी बताया और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
संगोष्ठी में उपस्थित किसानों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हें कृषि और पशुपालन के नए आयामों से जोड़ते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा।