कारम डैम रिसाव: लीकेज वाले बांध की दीवार तोड़ी, कैनाल बनाने से नहीं बनी बात

एमपी लाइव। धार में तीन दिन से सुर्खियों में बने कारम डैम का पानी निकालने के लिए कैनाल बनाने का काम शुरू हुआ था। 48 घंटे तक 6 पोकलेन और मशीनरी चलाने के नाम पर 30 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। देर शाम डैम की पाल काे तोड़ने के लिए मशीनें लगाई गईं। नागदा-गुजरी हाईवे का ट्रैफिक भी शाम 7 बजे बाद बंद कर दिया गया। कारम डैम की पाल पर आखिरकार शासन-प्रशासन ने JCB चला दी। 50 घंटे की मशक्कत के बाद भी जब डैम को बचाने की कोशिशें नाकाम नजर आईं, ताे इसकी दीवार को तोड़ने का फैसला लिया गया। शनिवार रात 11.30 बजे वॉल तोड़कर बांध से पानी निकालना शुरू किया गया। अभी पानी का बहाव कम है, लेकिन धीरे-धीरे फ्लो बढ़ने लगेगा। ये पानी आगे जाकर महेश्वर में नर्मदा में गिरेगा। डैम फूटने के डर से धार जिले के 13 और खरगोन जिले के 6 गांवों के लोग पहाड़ों और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

राहत की आस मे बैठे मंत्रीगण

जल संसाधन विभाग काे 8 दिन पहले से पता चल गया था कि डैम का जलस्तर बढ़ने लगा है। तकनीकी खामियों का भी अंदाजा लग चुका था, बावजूद सुधार काे लेकर अनदेखी की गई। इसके चलते 22 हजार से अधिक लाेगाें काे सुरक्षित जगह पहुंचाने के बाद शनिवार देर रात 44 गांवों के हिस्से के पानी काे बहाना पड़ा। मामले में सरकार की नाकामी पर सवाल उठने लगे ताे मंत्री से लेकर प्रशासनिक अमले काे माैके पर पहुंचकर व्यवस्था संभालना पड़ी। सेना की भी मदद ली गई, लेकिन 50 घंटे गुजरने के बाद भी बांध की मरम्मत नहीं हो सकी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी डैम की सिचुएशन पर नजर रखे हुए हैं। सुबह 6 बजे ही उन्होंने अपने निवास से फोन के जरिए धार और खरगोन के अधिकारियों से बात की। मौके पर मौजूद मंत्री तुलसी सिलवाट से भी स्थिति की जानकारी ली। राहत शिविरों में ठहरे लोगों के लिए भी व्यवस्थाओं को लेकर निर्देश दिए।