स्वर्गवास पर पौधारोपण: पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणादायी परंपरा
मण्डलेश्वर। समाज में पर्यावरण संरक्षण और स्वर्गीय परिजनों की स्मृति को अमर बनाने के लिए पौधारोपण की परंपरा एक अनुकरणीय पहल बनती जा रही है। ग्राम करोंदिया के डॉक्टर धर्मेंद्र पाटीदार ने इस दिशा में एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी माता स्वर्गीय बसंती गजानंद पाटीदार के अन्नदान (तेहरवीं) के अवसर पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत 101 फलदार पौधे लगाए।
डॉ. पाटीदार ने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर सुबह 9 बजे यह पौधे लगाए और अपनी माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने संकल्प लिया कि इन पौधों की देखभाल कर उन्हें बड़ा करेंगे और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देंगे। इस पहल से न केवल उनकी माता की स्मृति अमर होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक होगी।
कार्यक्रम में निमाड़ महासंघ के कृष्णकांत रोकड़े, व्यापारी संघ एवं पत्रकार संघ मण्डलेश्वर के अध्यक्ष भरत राठौड़, पाटीदार समाज संगठन के महेश पाटीदार, रितेश पाटीदार, विष्णु नवरंग (धामनोद), महादेव पाटीदार (मण्डलेश्वर) और देवास के पत्रकार सौरभ सचान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने स्वर्गीय बसंती गजानंद पाटीदार को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस पहल की सराहना की।
पौधारोपण: एक नई परंपरा का उदय
पर्यावरण संरक्षण के बढ़ते महत्व को देखते हुए स्वर्गवास पर पौधारोपण की परंपरा को व्यापक स्तर पर अपनाने की जरूरत है। यह न केवल धरती पर हरियाली बढ़ाने का कार्य करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करता है।
पौधारोपण के माध्यम से हम अपनी भावनाओं को प्रकृति से जोड़ सकते हैं। इस पहल से यह संदेश मिलता है कि समाज के हर व्यक्ति को अपने दिवंगत परिजनों की स्मृति में कम से कम एक पौधा लगाना चाहिए और उसकी देखभाल का दायित्व निभाना चाहिए। यह प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है और पर्यावरण सुधार में एक बड़ा योगदान देता है।
समाज के लिए संदेश
डॉ. पाटीदार की यह पहल न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज को एक नई दिशा प्रदान करती है। ऐसे कार्य सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। आइए, हम भी इस परंपरा को अपनाएं और पर्यावरण संरक्षण के इस मिशन में सहभागी बनें।