भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन और देवास के बीच 10 हजार एकड़ भूमि की पहचान की है, जिसे एक नए ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अधिग्रहित किया जाएगा।
यह हवाई अड्डा नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी पीछे छोड़ देगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य इंदौर में मौजूदा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे को बदलना है। देवास, उज्जैन और इंदौर के संगम पर प्रस्तावित इस हवाई अड्डे में पाँच रनवे होंगे।
मध्य प्रदेश सरकार के औद्योगिक नीति विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने एक मीडिया एजेंसी को बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों से भूमि अधिग्रहण और विकास परियोजना में तेजी लाने को कहा है। अधिकारी ने कहा कि एक अध्ययन से पता चला है कि मौजूदा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवश्यक 2,314 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की तुलना में एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण ज्यादा आसान होगा। नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विचार तब आया जब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे के विस्तार के लिए अधिक भूमि अधिग्रहण करने का सुझाव दिया। शुक्ला ने कहा कि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है और एक बार बन जाने के बाद नया हवाईअड्डा पूरे क्षेत्र में आर्थिक उछाल लाएगा।
सरकर नए हवाई अड्डे के चारों ओर एक औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना बना रही है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।